उदासी भरी शायरी, उदासी पर शायरी , एक वजह कि मोहताज महज नहीं होती उदासी का अर्थ ये भी हो सकता है कि कोई याद रह कर आपको परेशान कर रही हो, उदासी के करण हम अपनी ज़िन्दगी अच्छे से नहीं जी पाते, हमहे चाहिए कि हम इससे बाहर निकले और जीवन का आनंद ले।
शायरी उदासी भरी ,उदासी स्टेटस
अरसों बीत गए कभी तेरी याद ही न आई हमे,
तुझे भूल गए हो हम कसम से ऐसा नही है।
अरसों बीत गए कभी तेरी याद ही न आई हमे,
तुझे भूल गए हो हम कसम से ऐसा नही है।
अरसों बीत गए कभी तेरी याद ही न आई हमे,
तुझे भूल गए हो हम कसम से ऐसा नही है।
अरसों बीत गए कभी तेरी याद ही न आई हमे,
तुझे भूल गए हो हम कसम से ऐसा नही है।
मेरे साथ हो तुम ये सच तो बिल्कुल नहीं है।
अगर मैं झूट न बोलूँ तो अकेला हो जाऊंगा।
कोई सुलह अब करा दे मेरी ज़िन्दगी की इन उलझनों से।
बड़ी तलब लगी है आज़ फिरसे मुझे मुस्कुराने की।
शायरी हमारा शौक नहीं है ज़नाब!
ये तो मोहब्बत में मिली सजाएं हैं!
हम हुए क्या ज़रा ख़फ़ा तुम से….
जिसको देखो तुम्हारा हो गया हैं…..!!
इतनी कमजोर न थी मेरी मोहब्बत,
याद तो तुम्हें भी बहुत आती होगी..
आज बदला – बदला सा है मिजाज ,न -जाने क्या बात हो गई!
शिकायत हमसे ही है या फिर किसी और से मुलाकात हो गई।
जाहिर न हुई तुमसे और न बया हुई कुछ हमसे
हमारे सुलझी सी हुई आँखो में – मोहब्बत उलझी रही।
जुदाई ही जब मुकद्दर हैं मेरी, वफ़ा का वादा फिर कैसा….
मोहब्बत तो आखिर मोहब्बत है थोड़ा कैसा या ज्यादा कैसा?
ज़िन्दगी रही गर – जरूर मिलेंगे दोस्तो!
मौत का मौसम चल रहा है!
फिर मुलाकात का वादा जैसे कर दूँ।
कमी जब महसूस होने लगे – किसी हमसफर की तो समझो,
मौजूदगी बहुत गहरी हो चुकी है उनकी अब जिंदगी में तुम्हारे।
उदासी स्टेटस for whatsapp 2020
अलग सा है कुछ हमारे मोहब्बत का हाल।
हमेशा तेरी चुप्पी और सिर्फ मेरे सवाल!
जहाँ चोट लगे वहाँ जरूर मुस्कुराना,
इस अदा से कि रो दे देखने वाला जमाना
जरा सी बात को कहने केे लिए हमने – कितनी तकलिफें उठा ली।
आंखों में छुपा रहे हो तुम और हम होंठों में दबा रहे हैं।
एक और सिमटती साँझ कुछ गुजरे हुए लम्हे
फिर सिलसिले तेरी यादों के।
इतना भी कमजोर मत हो जाना
मोहब्बत में की कभी गिरो तो उठने
के लिए शराब – सिगरेट की जरूरत पड़े।
महसूस हो जाये जो बहुत ही अंदर तक,
वो मौहब्बत फिर जाते – जाते भी कभी नहीं जा पाती।
मैं उसकी जिंदगी में सिर्फ रास्ते का एक पेड़ था,
जहाँ उसने बैठकर अपनी थकान उतारी थी।
तेरी मर्ज़ी से ढल जाऊ, हर बार ये मुमकिन नही,
मेरी भी अपनी वजूद है, मैं कोई आईना नही।