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एक धोका भी जरूरी था,
मेरा दिल अपनी औकात भूल गया था!
मेरा कोई अब अपना नहीं रहा!
चलो अच्छा है – कोई भी खतरा नहीं रहा!
तुम क्या जानो बे-हाली हमारा,
एक तो शहर बन्द और ऊपर से तुम्हारा ख़याल!
बात सिर्फ इश्क़ की अब नहीं है।
मेरे जेहन को आदत हैं उसके ख्याल का!
छोड़ दो मुझको , या बाहों में भर लो
अब ये इश्क की दूरियां मुझको सहन नहीं होती
उदासी हो जरा सी – और वो पूरी कायनात पलट दे!
ऐसा भी तो एक यार होना चाहिए।
जो मेरी ज़िन्दगी है
वही मेरे ज़िन्दगी मे क्यु नही!
ये अफवाह किसने फैलाई की मुझे इश्क है तुमसे
हाँ तुमको भी इश्क़ हो तो ये अफवाह नही है!

बिना तुम्हारे कभी आयी नही!
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है।
Teri गुरूर को देख तेरी Ummid छोड़ दी हमने।
ज़रा हम भी देखें कौन चाहता है Tumhe Hamari Tarah !
जो तेरे दिल पे हमेशा वार करता है
ए इंसान तू उससे ही क्यूं बेइंतहा प्यार किया करता है!
लौट आने का ख्याल आए तो बस चले आना,
इंतजार आज भी बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं।
उनके झूठ बोलने की कला तो देखो जनाब!
सच जानते हुए भी – उनकी हा में हां मिला दी हमने!
दिल पर कैसी गुजरती है किसी से बदलने के बाद
कभी हार कर देख लेना – सब कुछ जीतने के बाद!
नफ़रत हो जाएगी तुझे ख़ुद से!
अगर मैं तुझसे तेरे ही अंदाज में एक बार बात करूं!

सुनो अब Tum लौट कर मत आना,
ये तन्हाई अब हमें Tumse भी प्यारी लगने लगी हैं।
जो आपके लफ्ज नही समझें हो,
वो आपकी ख़ामोसी कैसे समझ जाएं।
बिना कसूर के भी मिलते हैं दर्द इस दुनिया मे,
जो मोहब्बत – इश्क़ के सफर में हो उनको अच्छे से पता है।
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