नाकामी पर शायरी, शेर -nakami sad shayari in hindi
नाकामी पर शायरी इस पर ज्यादा दिलचस्पी तो कोई नहीं लेता पर यह एक ऐसा topic है, जिससे लोग दूर भागते है पर ये भी सच है कि नाकामी शायरी की बात ही अलग है ये नाकामयाब आदमी को अपनी सच्चाई दिखती है और उसे अपनी नाकामयाबी से बाहर निकालने की प्रेरणा भी देती है।
दर्दभरा नाकामी पर शेर और शायरी
मुझे शौक है परिंदे आजाद करने के,
खुश हो जाओ साहिब आज दिन तुम्हारा है!
हर चीज दिखाई देती है धुंधली अब मुझे।
या खुदा कहीं ऐ मेरे दिन आखरी तो नहीं।
मौत देनी है तो? मुझे धोका दे दे।
धीरे – धीरे मौत का मजा ही कुछ और है।
उसी दीपक ने हाथों को जला दिया मेरे।
जिस दिये को हम हवाओ से बचाया करते थे।
खैरियत पूछने आएं हैं मेरी
न जाने क्या काम पड़ा होगा।
जब उन्होंने कहा तुम चाहते क्या हो ?
मुस्कुराते हुए कहा मैंने नफरत करने वालों को मोहब्बत सिखाना।
|| नाकाम इश्क शायरी ,नाकामी मोहब्बत,
पहले मोहब्बत फिर धोखा फिर किये वो बेवफ़ाई।
ख़ास तरकीब से एक शख्स ने तबाह कर दिया मुझे।
बदल गई है रंगत जमाने की जनाब
आजकल वही अनजान बनते हैं
जो सब कुछ जानते है।
हर बार मैं ही डरूँ क्यों तुमको खो देने से,
कभी तो ऐसा भी हो !
की तुमको भी डर लगे, मेरे ना होने से।
Nafratoun k bazar Mai jeene Ka alag he andaz hai
Loog rulane nhi chodte aur Zindagi hasana nhi.
Naam nhi lunga mere dost,
Par matlabi tu bhi tha।
गर आप पर आँखे बंद कर बिस्वास कर रहा है कोई।
तो उसे कभी एहसास मत दिलाना की वो अंधा है।
|| दर्दभरे नाकामी पर शेर और शायरी
Dhoka De -deti hai Hamesha mashoom chehre k Raunak
Har Chamakte hue tukde ko Moti nhi kahte.
देकर खत वो मेरा मुंह देखते है यकीनन
जबानी पैग़ाम कुछ और है।
मन का ही खेल है ,,,,
लग जाएं तो मोहबत और न लगे तो खिलौना।
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा।
ढूंढा करोगे हर किसी में… देखना वो मंजर भी आएगा,
हम याद भी आएंगे और आँखों में समंदर भी आएगा …